राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को कम कीमत पर राशन उपलब्ध कराया जाता है। अगर आप भी राशन कार्ड के तहत हर महीने राशन का लाभ उठाते हैं तो आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। अब राशन कार्ड धारकों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिल रहा है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण अभियान को आगे बढ़ाया गया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में चुनाव को लेकर सरकार कई ऐलान कर रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजना की अवधि बढ़ा दी गई है, जिसके तहत अब यूपी के राशन कार्ड धारकों को हर महीने 10 किलो राशन मुफ्त मिल रहा है. इतना ही नहीं, लाभार्थियों को गेहूं और चावल के साथ-साथ दाल, खाद्य तेल और नमक भी महीने में दो बार मुफ्त दिया जा रहा है. आइए जानते हैं कि इस योजना को कितने समय के लिए बढ़ाया गया है।.

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दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मई से सितंबर तक आवंटित होने वाले गेहूं के कोटे को कम कर दिया है। इसके बाद पीएमजीकेएवाई के तहत तीन राज्यों बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश में मुफ्त वितरण के लिए गेहूं नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में गेहूं का कोटा कम किया गया है. बाकी 25 राज्यों के कोटे में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से होगी
केंद्र की ओर से राज्यों को दी गई जानकारी में बताया गया, ‘मई से सितंबर तक के शेष 5 महीनों के लिए सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए चावल और गेहूं के पीएमकेजीएवाई आवंटन में बदलाव का फैसला किया गया है.’ खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि गेहूं के घटे हुए कोटे की भरपाई चावल से की जाएगी।
गेहूं की कम खरीद होना है मुख्य कारण
राज्यों के लिए कोटा कम होने की वजह गेहूं की कम खरीद बताया जा रहा है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, ‘लगभग 55 लाख मीट्रिक टन चावल का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा, उतने ही गेहूं की बचत होगी.’ दो चरणों में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया।
NFSA के तहत चावल के अनुरोध पर विचार करेंगे
पांडे ने कहा कि यह संशोधन सिर्फ पीएमजीकेएवाई के लिए है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत आवंटन पर राज्यों से चर्चा चल रही है। उन्होंने यह भी कहा, ‘अगर कुछ राज्य एनएफएसए के तहत अधिक चावल लेना चाहते हैं, तो हम उनके अनुरोध पर विचार करेंगे।’
क्या होगा असर?
उत्तराखंड में जून के बाद से राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं के कम कोटे से कम गेहूं और अधिक चावल दिया जाएगा। प्रदेश के 14 लाख राशन कार्ड धारकों को जून से प्रति यूनिट 3 किलो गेहूं की जगह 1 किलो गेहूं मिलेगा। जबकि चावल 2 किलो की जगह 4 किलो दिया जाएगा।
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