EPFO Latest News : कर्मचारी जल्दी से करले यह काम मिलेगा 6 लाख rupee तक का लाभ

कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के अलावा ईपीएफओ खाताधारकों को जीवन बीमा का एक और बड़ा फायदा मिलता है। दरअसल, ईपीएफ के सभी सब्सक्राइबर्स एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम के दायरे में आते हैं। आइए नीचे दी गई खबर में ईपीएफओ के ताजा अपडेट के बारे में जानते हैं।

ईडीएलआई योजना के तहत खाताधारक के नॉमिनी को 6 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। यह क्लेम पीएफ खाताधारक की बीमारी, दुर्घटना या प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी की ओर से किया जा सकता है। एकमुश्त भुगतान होता है। खास बात यह है कि यह बीमा कवर सब्सक्राइबर को मुफ्त में मिलता है। इसके लिए उसे कोई राशि नहीं देनी है। यह पीएफ खाते से ही जुड़ जाता है।

EDLIS के तहत उपलब्ध कवर है-

EPFO सब्सक्राइबर्स को इंश्योरेंस कवर की यह सुविधा एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLIS) के तहत मिलती है। इसके तहत सदस्य की मृत्यु होने पर नामांकित व्यक्ति को बीमा कवर के तहत अधिकतम 6 लाख रुपये का भुगतान किया जा सकता है। पहले इसकी सीमा 3.60 लाख रुपए तक थी। लेकिन, सितंबर 2015 में ईपीएफओ ने इसे बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया।

ईडीएलआई योजना में कंपनी का योगदान-

संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ की राशि काटी जाती है और उतनी ही राशि नियोक्ता भी जमा करता है। मौजूदा समय में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी ईपीएफ में जमा होता है. नियोक्ता भी 12 फीसदी जमा करता है लेकिन यह दो हिस्सों में जमा होता है। कंपनी ईपीएफ में 3.67 फीसदी और ईपीएस में 8.33 फीसदी का योगदान करती है।

लेकिन, इसके अलावा भी कुछ अंशदान नियोक्ता द्वारा किया जाता है। इसमें ईडीएलआई (कर्मचारी जमा लिंक बीमा) योजना के तहत नियोक्ता को 0.50 फीसदी, 1.1 फीसदी ईपीएफ प्रशासनिक शुल्क और 0.01 फीसदी ईडीएलआईएस प्रशासनिक शुल्क देना होता है।

इस प्रकार, ईडीएलआई में नियोक्ता द्वारा जमा किए गए 0.5% योगदान के तहत, पीपीएफ सब्सक्राइबर्स के नॉमिनी को 6 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। कर्मचारी भविष्य निधि में शामिल होने वाले सभी कर्मचारी EDLI, 1976 के अंतर्गत आते हैं।

दावा राशि की गणना कैसे करें?

ईडीएलआई योजना के तहत दावे की गणना कर्मचारी के अंतिम आहरित वेतन के आधार पर की जाती है। ईडीएलआई में सैलरी यानी वेतन की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये है। इस बीमा कवर के लिए दावा अंतिम वेतन का 30 गुना होगा। इसकी गणना मूल वेतन के साथ महंगाई भत्ते को जोड़कर की जाती है। इसके साथ 1.50 लाख रुपये का बोनस दिया जाता है। इस प्रकार अधिकतम दावा रु. 6 लाख [(30 x15,000) + 1,50,000] होगा।

सम एश्योर्ड के लिए क्लेम कैसे करें?

ईपीएफ सब्सक्राइबर की असामयिक मृत्यु के मामले में, उसका नामित या कानूनी उत्तराधिकारी बीमा कवर के लिए दावा कर सकता है। यदि दावेदार अवयस्क है, तो उसकी ओर से उसके अभिभावक दावा दायर कर सकते हैं। इसके लिए बीमा कंपनी को मृत्यु प्रमाण पत्र, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और बैंक विवरण देना होगा।

अगर पीएफ खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो कानूनी वारिस इस रकम पर दावा कर सकता है। पीएफ खाते से पैसा निकालने के लिए बीमा कवर का फॉर्म एंप्लॉयर के पास जमा फॉर्म के साथ जमा करें। नियोक्ता इस फॉर्म की पुष्टि करता है। इसके बाद कवर का पैसा मिलता है।

Leave a Comment